गुप्तकाल से सम्बंधित प्रश्न और उसके उत्तर
गुप्त काल
गुप्त वंश प्राचीन भारत के प्रमुख राजवंशों में से एक था। गुप्त साम्राज्य का उदय तीसरी सदी के अन्त में प्रयाग के निकट कौशाम्बी में हुआ। गुप्त कुषाणों के सामन्त थे। गुप्त साम्राज्य की नींव तीसरी शताब्दी के चौथे दशक में तथा उत्थान चौथी शताब्दी की शुरुआत में हुआ। गुप्त वंश का प्रारम्भिक राज्य आधुनिक उत्तर प्रदेश और बिहार में था। इस वंश का आरंभिक राज्य उत्तर प्रदेश और बिहार में था। लगता है कि गुप्त शासकों के लिए बिहार की उपेक्षा उत्तर प्रदेश अधिक महत्त्व वाला प्रान्त था, क्योंकि आरम्भिक अभिलेख मुख्यतः इसी राज्य में पाए गए हैं। यही से गुप्त शासक कार्य संचालन करते रहे। और अनेक दिशाओं में बढ़ते गए। गुप्त शासकों ने अपना अधिपत्य अनुगंगा (मध्य गंगा मैदान), प्रयाग (इलाहाबाद), साकेत (आधुनिक अयोध्या) और मगध पर स्थापित किया। मौर्य वंश के पतन के पश्चात नष्ट हुई राजनीतिक एकता को पुनस्थापित करने का श्रेय गुप्त वंश को है।
गुप्त काल में अर्थव्यवस्था
1. नीवीधर्म- इसके अन्तर्गत दानग्रहिता को सदा के लिए भूमि दे दी जाती थी।
2. अक्षयनीवी धर्म- संभवत: सबसे पहले कुषाणों ने किसानों को अक्षयनीवी पद्धति पर भूमि दी थी। इसके अनुसार किसान उस भूमि से प्राप्त आय का उपभोग कर सकता था। किन्तु वह उस जमीन का हस्तातरण नहीं कर सकता था। गुप्तकाल में भूमि खरीदकर अक्षयनीवी पद्धति पर ब्राह्मणों को दान में भी दी जाने लगी।
3. नीवी धर्म अक्षयन- इसके अनुसार नीवी धर्म समाप्त कर यह भूमि दूसरे को दी जा सकती थी।
4. अप्रदानीवी धर्म- दानग्रहिता को इस भूमि पर प्रशासनिक अधिकार नहीं था और न वह किसी अन्य व्यक्ति को भूमि दे सकता था।
5. भूमि-न्याय- कौटिल्य के अर्थशास्त्र में एक संपूर्ण अध्याय ही इस पर लिखा गया है। इसके अन्तर्गत बंजरभूमि को आबाद करने के ऐवज में किसी व्यक्ति को उस भूमि पर लगान माफ कर दिया जाता था।
राजस्व– सामान्यतः भू-राजस्व को भाग कहा जाता था। मनुस्मृति में एक कर भोग की चर्चा है। भोग में राजा के प्रत्येक दिन की आवश्यकता शामिल थी। यथा-फल-फूल, सब्जी आदि। उद्रग भी भूमि कर का ही एक रूप था। उपरिकर उन रैयतों पर लगाया जाता था जो भूमि के स्वामी नहीं थे। भू-राजस्व नकद (हिरण्य) और अनाज (मेय) दोनों में लिया जाता था। नकद कर वसूलने वाला अधिकारी हिरण्य सामुदायिक कहलाता था। अनाज में कर वसूलने वाला अधिकारी औद्रगिक कहलाता था।
अन्य कर– 1. धान्य, 2. भूत, 3. बैष्ठिका- बलात् श्रमिक, 4. भत या भट्ट (पुलिस कर), 5. प्रणय- ग्रामवासियों पर लगाया गया एक अनिवार्य कर, 6. चारासन- चारागाहों पर शुल्क, 7. चाट- लुटेरे द्वारा उत्पीड़न से मुक्ति का कर, 8. दशापराध- दस प्रकार के अपराधों के लिए किए गए जुर्माने, 9. हलदण्ड- यह हल पर लगाया जाता था। सातवाहन काल से भूमि दान की प्रथा शुरू हुई थी। गुप्तकाल तक आकर प्रशासनिक अधिकार भी दान ग्रहिता को सौंप दिया गया। हर्षकाल में राज्य अधिकारियों को भी अनुदान में वेतन दिया जाने लगा।
- धन्वन्तरी कौन थें- चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के राजदरबार के नवरत्नो में से एक जो प्रसिध्द चिकित्सक थें
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- नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना का युग है- गुप्त काल
- गुप्तकाल में भू-राजस्व की दर थी- उपज का छठा भाग
- वह प्रथम भारतीय विद्वान कौन था, जिसने गणित को एक पृथक विषय के रुप स्थापित किया- आर्यभट्ट
- गुप्त राजवंश किसके लिए प्रसिध्द था- कला एवं स्थापत्य के लिए
- किस गुप्त्कालीप शासक को कविराज कहा गया- समुन्द्रगुप्त
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- गुप्त शासन के दौरान ऐसा व्यक्ति कौन था जो एक महान खगोलविज्ञानी और गणितज्ञ था- आर्यभट्ट
- गुप्त शासको की सरकारी/दरबारी भाषा थी- संस्कृत
- सारनाथ के धमेख स्तूप निर्माण किस काल में हुआ- गुप्त काल में
- गुप्त काल की सोने की मुद्रा को कहा जाता था- दीनार
- कुमारसंभव महाकाव्य किस कवि ने लिखा- कालिदास
- गुप्त किसके सामंत थें- कुषाणों के
- गुप्त वंश के किस शासक ने सर्वप्रथम महाराजधिराज की उपाधि धारण की- चंद्रगुप्त प्रथम ने
- गुप्त राजा जिसने विक्रमादित्य की पदवी ग्रहण की- चंद्रगुप्त द्वितीय
- अजंता कलाकृतियों का संबंध किस काल से है- गुप्त काल से
- गुप्त काल में उत्तर भारतीय व्यापार किस एक पत्तन से संचालित होता था- ताम्रलिप्ति से
- गुप्त शासकों द्वारा जारी किए गए चांदी के सिक्के कहलाते थे- रुपक
- किस वंश के शासकों ने मंदिरों एवं ब्राह्मणों को सबसे अधिक ग्राम अनुदार में दिये थें- गुप्त वंश के शासकों ने
- यूरोपीय भाषा में अनूदित/अनुवादित प्रथम भारतीय ग्रंथ कौन सा है- अभिज्ञान शाकुंतलम्
- किस काल में स्त्रियों की पुरुषों से बराबरी थी- गुप्त काल में
- गुप्त वंश ने किस अवधि में शासन किया- 319-500ई.
- बाल विवाह की प्रथा आरंभ हुई- गुप्त काल में
- सोने के सर्वाधिक सिक्के किस काल मे जारी किये गये- गुप्त काल में
- कालिदास कीकिस कृति की गिनती विश्व की सौ प्रसिध्द साहित्यिक कृतियों मे होती है- अभिज्ञान शाकुंतलम्
- वर्तमान गणित मे दशमलव प्रणाली आविष्कार का श्रेय किस युग को है- गुप्त युग को
- किस गुप्त शासक को नालंदा विश्वविद्यालय का संस्थापक माना जाता है- कुमारगुप्त प्रथम को
- गुप्तकालीन सिक्को का सबसे बडा ढेर कहां से प्राप्त हुआ है- बयाना (भरतपुर) से
- गुप्त काल के सर्वाधिक लोकप्रिय देवता कौन थें- विष्णु
- मेहरौली (दिल्ली) स्थित लौह-स्तंभ का निर्माण किस सदी में हुआ था- चतुर्थ सदी ई. (गुप्त काल)