भारत के इतिहास में दिल्ली का उल्लेख महाभारत काल से ही मिलता है। महाभारत काल में दिल्ली का नाम इन्द्रप्रस्थ था। दूसरी शताब्दी के टालेमी के विवरण में ट्राकरूट पर मौर्य शासकों द्वारा बसाई गई नगरी दिल्ली नाम से उल्लिखित है। बाद में मौर्य, गुप्त, पाल आदि अनेक राजवंशों का दिल्ली पर शासन रहा। दिल्ली शहर की स्थापना के सन्दर्भ में कई कथाएँ प्रचलित हैं। कुछ लोगों का मानना है कि तोमर वंश के अनंगपाल ने 11 वीं शताब्दी में इसकी स्थापना की थी, जबकि कुछ पुस्तकों में वर्णित है कि तोमर राजपूतों के सरदार अनंगपाल ने 737 ई. में दिल्ली का गाँव में लालकोट नामक नगर बसाकर राजधानी स्थापित की। 12वीं शताब्दी में यह राज्य तोमर राजपूतों से चौहान राजपूतों के क़ब्ज़े में आ गया। तत्पश्चात् दिल्ली बीसलदेव चौहान तथा अनेक वंशज पृथ्वीराज चौहान के हाथों में पहुँचा। कुछ पुस्तकों में यह भी उल्लिखित है कि प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व एक राजा ढिलू के नाम पर इसका नाम दिल्ली पड़ा, जो बाद में देलही, देहली, दिल्ली आदि नामों से जाना गया।
तराइन के द्वितीय युद्ध में पृथ्वीराज चौहान की हार के बाद दिल्ली पर मुसलमानों का आधिपत्य क़ायम हो गया। इसके बाद 16वीं सदी में दिल्ली पर मुग़लों का अधिकार हो गया। 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध तथा 19वीं शताब्दी के प्रारम्भ के वर्षों में दिल्ली पर अंग्रेज़ों का अधिकार हो गया। सन् 1911 में यह कलकत्ता की जगह भारत की राजधानी बनायी गई। सन् 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद इस भारत की राजधानी के रूप में स्वीकार किया गया। संविधान के 69वें संशोधन (1991) द्वारा दिल्ली में विधान सभा का गठन किया गया। इस विधेयक में दिल्ली को देश की राजधानी होने के नाते केन्द्रशासित प्रदेशों में विशेष दर्जा दिया गया है। इस केन्द्रशासित प्रदेश को 1 फ़रवरी, 1992 से नया नाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली दिया गया।
दिल्ली पर विधिवत् शासन की शुरुआत अंग्रेज़ों द्वारा 1805 में शुरू की गई। प्रारम्भ में प्रशासनिक नियंत्रण ब्रिटिश शासन के प्रतिनिधि एवं मुख्य आयुक्त के अधीन था। 1857 तक सामान्य अधिनियमों के द्वारा ही कुछ फेर-बदल के साथ प्रशासन चलता रहा। 1858 में अंग्रेज़ों द्वारा दिल्ली को सीमान्त प्रान्त के प्रान्तीय शहर का दर्जा दिया गया। बाद में इस उपराज्यपाल के अधीन नवगठित पंजाब प्रान्त में स्थानान्तरित कर दिया गया। राजधानी का कलकत्ता से दिल्ली स्थानान्तरित होने के बाद यहाँ के प्रशासनिक कार्यों की देखरेख के लिए इम्पोरियल दिल्ली समिति का गठन किया गया। 1916 में इस समिति को पंजाब म्यूनिसिपल एक्ट 1911 के तहत रायसीना म्यूनिसिपल समिति के रूप में अधिसूचित किया गया। 16 मार्च 1927 को इसे दिल्ली म्यूनिसिपल समिति के रूप में पुनर्गठित किया गया। 1932 में प्रथम श्रेणी का म्यूनिसिपैलिटी का दर्जा प्रदान किया गया। नई दिल्ली नगर परिषद् अधिनियम, 1994 के अंतर्गत नई दिल्ली नगर समिति का पुनर्गठन किया गया। दिल्ली को 1951 में भाग ग राज्यों में शामिल किया गया, जिसमें मंत्रिपरिषद् और विधायिका का अस्तित्व समाप्त कर दिया गया। 1957 में संसद द्वारा पारित दिल्ली नगर अधिनियम के तहत निगम के गठन के उद्देश्य से 1958 में चुनाव करवाये गये। 1957 में ही दिल्ली विकास अधिनियम पारित हुआ जिसके तहत दिल्ली विकास प्राधिकरण की स्थापना हुई। प्राधिकरण द्वारा पहला मास्टर प्लान (1961-81) 1962 में प्रकाशित किया गया। दिल्ली प्रशासन अधिनयम, 1966 द्वारा महानगर परिषद् (56 निर्वाचित + 5 मनोनीत सदस्य) के गठन का प्रावधान कर दिल्ली में सीमित प्रतिनिधित्व वाली सरकार की स्थापना की गई। संविधान में 69वें संविधान संशोधन द्वारा दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र अधिनियम, 1991 प्रभाव में आया। 1992 से लागू इस अधिनियम के तहत एक विधानसभा तथा दिल्ली के प्रशासन-संचालन के लिए एक उपराज्यपाल तथा उनको इस विषय में सलाह देने के लिए मुख्यमंत्री के अधीन मंत्रीपरिषद् का प्रावधान किया गया। इस अधिनियम द्वारा विधानसभा को राज्य सम्बन्धी मामलों एवं केन्द्र शासित क्षेत्रों के मुतल्लिक मामलों पर क़ानून बनाने का अधिकार दिया गया। लेकिन क़ानून व्यवस्था, पुलिस एवं भूमि सम्बन्धी विषय विधानसभा के अधिकार क्षेत्र से बाहर रखे गए। 1993 के चुनाव के पश्चात् इस अधिनयम के तहत पहली विधानसभा का गठन किया गया। नवम्बर 1998 में दूसरी विधानसभा का गठित की गई। जनवरी 1997 से पूर्व दिल्ली केवल एक ज़िला था, लेकिन वर्तमान में यहाँ 9 ज़िले तथा 27 सबडिवीजन/तहसील हैं।
दिल्ली का सबसे ऊँचा स्थान भाटी गाँव है, जिसकी ऊँचाई समुद्रतल से 322 मीटर है। दिल्ली की भू-आकृति का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण तत्त्व पहाड़ी है जो राजस्थान की अरावली पहाड़ियों के पर्वत स्कन्ध की भाँति बना है। दक्षिण में महरौली और तुग़लकाबाद के पास का क्षेत्र कोही या पहाड़ी कहलाता है। यमुना के किनारे का मैदान बांगर के नाम से जाना जाता है। भूगर्भिक दृष्टि से दिल्ली की शैलें मध्य प्रोटेरोजोइक और अभिनवकाल की हैं। यह दिल्ली प्रक्रम और अलवर श्रृंखला का भाग है।
राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते यहाँ का समाज विभिन्न प्रान्तों तथा वर्गों से आने वाले भिन्न भाषा-भाषी लोगों के मिलने से बना है। जिनके परम्परा, पहनाबा, ओढ़ाबा विश्वास-मत आदि अलग-अलग हैं। यह विविधता प्रदेश के समाज को एक विशिष्ट पहचान प्रदान करती है। प्रदेश की संस्कृति राष्ट्रीय संस्कृति की प्रतिनिधि प्रतीत होती है। प्रदेश में लगभग सभी धर्म और सम्प्रदाय से जुड़े सांस्कृतिक धरोहर मौजूद हैं।
हुमायूँ का मक़बरा, कुतुब मीनार, हौज़ ख़ास, इंडिया गेट तथा बहाई मन्दिर, लोटस टैंपल, राष्ट्रपति भवन, मुग़ल गार्डन, संसद भवन, चाँदनी चौक, लाल क़िला, जामा मस्जिद, राजघाट, शान्तिवन, विजयघाट, शक्ति स्थल, पुराना क़िला (इन्द्रप्रस्थ), सफ़दरगंज का मक़बरा, जन्तर-मन्तर, बिड़ला मन्दिर, विज्ञान भवन, चिड़ियाघर, राष्ट्रीय संग्रहालय, कनॉट प्लेस, बुद्ध जयन्ती पार्क, रवीन्द्र रंगशाला, नेहरू मेमोरियल, कश्मीरी गेट आदि।
दिल्ली | |
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परिचय |
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली | नगर | इतिहास | भूगोल | कला | अर्थव्यवस्था | वास्तुकला | पर्यटन
स्थल | दिल्ली मेट्रो
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ज़िले | मध्य | पूर्वी | उत्तरी | दक्षिणी | उत्तर पूर्वी | दक्षिण पश्चिमी | नई दिल्ली | उत्तर पश्चिमी | पश्चिमी |
बाज़ार |
चाँदनी चौक | पालिका बाज़ार | कनॉट प्लेस | बल्लीमारान | दिल्ली हाट | प्रगति मैदान | बेगम सामरू का
महल
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संग्रहालय |
राष्ट्रीय संग्रहालय | राष्ट्रीय रेल संग्रहालय | हस्त शिल्पकला संग्रहालय | गुड़ियों का संग्रहालय |
राष्ट्रीय आधुनिक कला दीर्घा | गाँधी स्मृति | भारतीय युद्ध संग्रहालय | पुरातत्वीय संग्रहालय |
स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय | स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय | राष्ट्रीय पुलिस संग्रहालय
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धार्मिक स्थल |
कालकाजी मन्दिर | अक्षरधाम मंदिर | लोटस टैंपल | संकट हरणी मंगल करणी शक्तिपीठ | शिव गौरी मन्दिर | माँ
सतोषी मन्दिर | आद्या कात्यायिनी मंदिर | झंडेवाला देवी मन्दिर | लक्ष्मीनारायण मन्दिर | सेण्ट थॉमस
चर्च दिल्ली | सेण्ट जेम्स चर्च दिल्ली | सेक्रेड हार्ट कैथड्रल चर्च दिल्ली | गुरुद्वारा बंगला साहिब |
दिगम्बर जैन मन्दिर | निज़ामुद्दीन दरगाह | सेंट जेम्स गिरिजाघर
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ऐतिहासिक स्थल |
इंडिया गेट | अमर जवान ज्योति | राष्ट्रीय युद्ध स्मारक | क़ुतुब मीनार | जन्तर मन्तर | जामा मस्जिद |
जमात ख़ाँ मस्जिद | राज घाट | विजय घाट | राष्ट्रपति भवन | संसद भवन | मुग़ल गार्डन | लाल क़िला |
पुराना क़िला | सलीमगढ़ | हुमायूँ का मक़बरा | तालकटोरा बगीचा | पंच इंद्रीय बगीचा | सफ़दरजंग का मक़बरा
| नसिरुद्दीन महमूद का मक़बरा | लालकोट | फ़िरोज़शाह कोटला स्टेडियम | ख़ूनी दरवाज़ा | हौज़-ए-शम्शी |
तुग़लकाबाद | हक़सर हवेली | ख़ान ए ख़ाना मक़बरा | लोदी बगीचा | अशोक स्तम्भ | राजपथ | बाग़-बग़ीचे |
अदहम ख़ाँ का मक़बरा | हैदराबाद हाउस | जयपुर हाउस | तालकटोरा उद्यान
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अन्य |
दिल्ली विश्वविद्यालय | भारत मंडपम | राष्ट्रीय प्राणी उद्यान | साउथ ब्लॉक | नॉर्थ ब्लॉक | जवाहरलाल
नेहरू भवन | त्रिवेणी कला संगम | अग्रसेन की बावली | दिल्ली में पानी की समस्या | दिल्ली की सिंचाई |
दिल्ली दरबार | प्रथम दिल्ली दरबार | द्वितीय दिल्ली दरबार | तृतीय दिल्ली दरबार | इंदिरा पर्यावरण भवन
| सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र | राजोन की बावड़ी | नेहरू उद्यान | सेंट्रल विस्टा | सेंट्रल
विस्टा जीर्णोद्धार परियोजना
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