द्विअणुक अभिक्रिया को S<sub>N</sub>2 द्वारा निरूपित किया जाता है। इस प्रकार की अभिक्रियायें एक ही चरण में पूर्ण हो जाती है तथा इन अभिक्रियाओं की दर सबस्ट्रेट (ऐल्किल हैलाइड) तथा न्यूक्लिओफाइल (क्षार) दोनों की सान्द्रता पर निर्भर करती है। S<sub>N</sub>2 अभिक्रियाओं में प्रतीपन होता है। उदाहरण – प्राइमरी ऐल्किल हैलाइडों का जल -अपघटन। HO<sup>–</sup> + R — X → [HO #8230;.. R #8230;.. X] → HO — R + X<sup>–</sup>

New Questions