संकरण – वह प्रक्रम जिसके द्वारा विभिन्न परन्तु समान ऊर्जा वाले कक्षक संयुकत होकर तुल्य कक्षक बनाते हैं। संकरण से पहले और बाद में कक्षकों की संख्या समान होती है।

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