अयस्क का सान्द्रण विधि को अयस्क प्रसाधन विधि भी कहा जाता है। अयस्क प्रसाधन विधि द्वारा पिसे हुए अयस्क में उपस्थित अशुद्धिया चुम्बकीय हो या अनुचुम्बकीय को अलग किया जाता है। इस प्रक्रिया में धातु की प्रतिशतता निरन्तर बढ़ता जाती है, अतः इसे अयस्क का सान्द्रण भी कहते हैं। अयस्कों का सान्द्रण कई विधियों द्वारा पूर्ण किया जाता है।

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