• इसका तात्पर्य था- कर्तव्यत्याग

  • इसकी अनुमति केवल क्षत्रियो के लिए थी

  • इसका तात्पर्य था-ब्राह्मणो द्वारा राजाओ के लिए किए गए विशेष यज्ञ

  • इसका आशय था- विपत्ति काल मे विभिन्न वर्णो के लिए अनुमत कर्तव्य


इसका आशय था- विपत्ति काल मे विभिन्न वर्णो के लिए अनुमत कर्तव्य