अर्द्धचालकों की चालकता में वृद्धि करने वाले अपद्रव्य परमाणु को ग्राही कहते है। ये परमाणु धनात्मक कोटर बनाने की प्रक्रिया में संयोजकता बैंड से इलैक्ट्रानों को ग्रहण करते हैं। इस प्रकार p-टाइप के अर्द्धचालक का निर्माण होता है।