अकबर
अकबर ने 1579 में महजर का पाठ किया बाबर, हुमायॅू, तहॉगीर जिसे फैजी ने तैयार किया था। महजर की घोषणा के बाद अकबर ने सुल्तान-ए-आदिल की उपाधि धारण की।
उसने इबादतखाने मे जैन विद्वान जिनचन्द्र सूरी और हरिविजय सूरी से वाद-विवाद किया।
हरिविजय को जगतगुरु तथा जिनचन्द्र को युग प्रधान की उपाधि दी।
हरिविजय सूरी से प्रभावित होकर उसने पशु-पक्षियों के वध को प्रतिबंधित कर दिया। दस्तुरजी मेहरजी राणा पारसी विद्वान थें।
सर एण्टोन मानसरैत और फादर एकाविवा से भी अकबर का वाद-विवाद हुआ।
हिन्दू विद्वानो मे पुरुषोत्तम तथा देवी से भी वाद-विवाद हुआ। अकबर ने सिख गुरु रामदास को स्वर्ण मंदिर बनवाने के लिए 500बीघे जमीन दी।
अकबर ने विट्ठलनाथ को जैतपुर और गोकुल की जागीर दी।
अकबर ने 1582मे एकेश्वर वाद का समर्थन करते हुऐ तौहीद-ए-इलाही की स्थापना की
अकबर ने अबुल-फजल को इस धर्म का मुख्य पुरोहित बनाया तथा रविवार का दिन इस धर्म मे सामिल होने के लिए रखा।
बीरबल एक मात्र हिन्दू राजा थे जिन्होने इस धर्म को स्वीकार किया।
अकबर ने हीजरी सम्वत् सौर वर्ष के आधार पर शुरु वश्यावृत्ति मे लिप्त औरतों को शहर के बाहर शैतानपुर नामक बस्ती मे बसने को कहा। अकबर ने सुर्य की उपासना तथा चिश्ती सिलसिले मे गहरी आस्था जाहिर की। अकबर ने इलाही कलेंडर 1583 मे जारी किया।
अकबरकालीन युद्ध
वर्ष | युद्ध | शासक |
1556 | पानीपत का द्वितीय युद्ध | हेमू |
1561तथा62 | मालबा | बाज बहादुर |
1562 | आमेर | भारमल |
1562 | मेडता | जयमल |
1564 | गोडवाना | वीरनारायण दुर्गावती |
1569 | रणथम्भौर | सूरजन हाडा |
1570 | मारवाड | रावचन्द्र सेन |
1574-76 | बिहार तथा बंगाल | दाऊद खां |
1576 | हल्दीघाटी | राणा प्रताप |
1581 | काबुल | हकीम मिर्जा |
1586 | काश्मीर | युसुफ खां तथा याकूब खां |
1591 | सिंध | जानी बेग |
1591 | उडीसा | निसार खां |
1595 | बलूचिस्तान | पन्नी अफगन |
1595 | कन्धार | मुजफ्फर हुसैन |
1599 | दौलताबाद | चांदबीबी |
1600 | अहमदनगर | बहादुरशाह व चांदबीबी |
1601 | असीरगढ | मीरनबहादुर |
अकबरकालीन प्रमुख निर्णय
दास प्रथा का अन्त | 1562 |
तीर्थयात्रा कर की समाप्ति | 1563 |
जजिया कर समाप्त | 1564(1679इसे औरंगजेब ने पुन:लागू कर दिया।) |
फतेहपुर सीकरी की स्थापना | 1571 |
बुलन्द दरवाजा का निर्माण | 1572 |
| 1575 |
मनसबदारी का आरंभ | 1579 |
महजरनामा का प्रारंभ | 1579 |
दीन-ए-इलाही की घोषणा | 1582(इसे तौहीद-ए-इलाही भी कहा गया है) |
मुगलकालीन मकबरे
शासक | मकबरा | निर्माता |
बाबर | काबुल (अफगानिस्तान) | हुमायूं |
हुमायूं | दिल्ली | गुलवदन बेगम |
अकबर | सिकन्दरा(आगरा) | जहांगीर |
जहांगीर | लाहौर (पाकिस्तान) | नूरजहां |
शाहजहां | आगरा (ताजमहल) | शाहजहां |
औरंगजेब | दौलताबाद (औरगाबाद,महाराष्ट्र) |
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शेरशाह सूरी | सासाराम (बिहार,स्वयं द्वारा निर्मित) | शेरशाहसूरी |
मुगलकालीन इमारतें
बाग/इमारत | स्थान | शासक |
आरामबाग | आगरा | बाबर |
शालीमार बाग | कश्मीर | जहॉगीर |
पुराना किला | दिल्ली | शेहशाह |
इलाहाबाद का किला | इलाहाबाद | अकबर |
फतेहपुर सीकर मे जोधाबाई महल, पंच महल, मरीयम महल, बीरवल महल | आगरा | अकबर |
एत्माछौला | फतेहपुर सीकरी | अकबर |
दीवाने आम, दीवाने खास, मोती मस्जिद, खास महल | आगरा किला | नूरजहां |
लाल किला | दिल्ली | शाहजहॉ |
जामा मस्जिद | दिल्ली | शाहजहॉ |
मोती मस्जिद | दिल्ली के लाल किले | औरंगजेब |
बीवी का मकबरा | औरंगाबाद | औरंगजेब |
मुगल कालीन चित्रकार
शासक | चित्रकार | विशेष/उपाधि |
बाबर | जियहाक | -- |
हमायॅू | मीर सैयद अली अब्दुल समद | नादिर उलअर्श शीरी कलम |
अकबर | दशवन्त बसावन केशव सावलदास ताराचन्द | राज्यनामा की चित्रकारी (सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक चित्रों का चित्रकार) |
जहॉगीर | विसनदास अब्दुल हसन मुहम्मद नादिर मनोहर मंसूर | नादिर उल्जामा पक्षियों का चित्रका |
मुगलकालीन साहित्य
तुलसीदास | रामचरित मानस, कवितावली विनय पत्रिका, गीतावली |
सूरदास | सूरसागर |
रसखान | प्रेमवाटिका |
मलिक मुहम्मद जायसी | पद्मावत |
बिहारीलाल | बिहारी सतसई |
भूषण | शिवराज भूषण |
नरोत्तम दास | सुदामा चरित |
उर्दू साहित्य - उर्दू भाषा का विकास दिल्ली सल्तनत काल में हुआ था लेकिन भाषा के रुप मे इसका विकास परवर्ती मुगलो के काल मे हुआ। अमीर खुसरो ने इसे कविता का माध्यम बनाया। मुहम्मद शाह(1719-1748) के काल मे उर्दू का सर्वाधिक विकास हुआ।
फारसी- यह मुगल दरबार की भाषा थी। अकबर का काल फारसी भाषा के पुनर्जागरण का काल था। अकबर का नवरत्न फैजी,अकबर का राजकवि और सर्वश्रेष्ठ फारसी विद्वान था। जहांगीर ने अपने शासनकाल के 16वें वर्ष तक अपनी आत्मकथा तुजुक-ए-जहांगोरी की रचना की। मुगलों मे फारसी का सर्वश्रेष्ठ विद्वान शाहजहां का बडा लडका दारशिकोह था। इसने भागवद् गीता, उपनिषद तथा रामायण का फारसी अनुवाद कराया। 52उपनिषदों का फारसी अनुवाद सीर-ए-अकबर(महान रहस्य) कहलाया। अन्य प्रमुख फारसी साहित्य निम्न है
बाबरनामा यह स्वयं बाबार द्वारा तुर्की मे लिखित तुजुक-ए-बाबरी का फारसी मे अनुदान है जिसे अब्दुर्रहीम खानखाना ने 1583ई. मे किया।
हुमायूंनामा - यह गुलबदन बेगम द्वारा दो भागो मे लिखित हुमायूं की आत्मकथा है।
तारीख-ए-अकबरी – इसकी रचना अब्दुल कादिर बदायूंनी ने 1590ई. मे तीन भागो मे की थी। यह भारत के इतिहास से संबंधित है।
तुजुक-ए-जहांगीरी – यह जहांगीर की आत्मकथा है जो उसी के द्वारा लिखि गई है
पादशाहनामा- यह तीन भागों मे लिखित शाहजहां के शासनकाल का इतिहास है। पहला भाग मोहम्मद अमीन कजवीनी द्वारा, दूसरा भाग अब्दुल हमीद लाहौरी द्वारा तथा तीसरा भाग मोहम्मद वारिस द्वारा रचित है।
शाहजहांनामा – इसकी रचना इनायत खां ने की। यह औरगजेब के पहले कुछ वर्षो का इतिहास है
आलमगीनामा- यह भी औरंगजेब के काल का इतिहास है। इसकी रचना काजिम शीराजी ने की थी
प्रमुख अनुवादित रचनाएं (फारसी भाषा मे)
रचना | अनुवादक |
रामायण | अब्दुल कादिर बदायुंनी |
महाभारत (रज्मनामा) | बदायुंनी व नकीब खां |
पंचतात्र (अनवर ए सुहैली) | अबुल फजल |
तुजुक-ए-बाबरी | रहीम |
भगवत पुराण | राजा टोडरमनल |
लीलावती | फैजी |
अथर्ववेद | हादी इब्राहिम सर हिंदी |