गवर्नर जनरल/वायसराय |
कार्यकाल अवधि |
जरुरी जानकारी |
वारेन हेस्टिंग्स |
1774 – 1785 |
भारत में सबसे पहले गवर्नर जनरल (वे फोर्ट विलियम के गवर्नर जनरल नियुक्त किए गए थे पर भारत में तैनात ईस्ट इंडिया कंपनी के सभी अधिकारियों पर उनका नियंत्रण था)। उनके कुछ अनुचित कार्यों के लिए, (अर्थात् रोहिल्ला युद्ध, नंद कुमार को प्राणदण्ड, राजा चैत सिंह और अवध की बेगमों के मामले के लिए) उनके खिलाफ इंग्लैंड में महाभियोग चलाया गया था। |
लॉर्ड कार्नवालिस |
1786 – 1793 |
स्थायी निपटान (पर्मानेंट सेट्टल्मेंट), ईस्ट इंडिया कंपनी और बंगाल के जमींदारों के बीच जमीन पर लिया जाने वाला राजस्व निश्चित करने के लिए समझौता, उनकी अवधि के दौरान लागू किया गया था। |
लॉर्ड वेलेस्ले |
1798 – 1825 |
सहायक गठबंधन (सबसिडियरी अलियांस) की शुरूवात इन्होने की। इसके तहत ईस्ट इंडिया कम्पनी से प्राप्त संरक्षण के बदले में भारतीय शासक अपने राज्य क्षेत्र में ब्रिटिश सेना रखने पर सहमत हुए। सहायक गठबंधन को स्वीकार करने वाला पहला राज्य हैदराबाद था। |
लार्ड विलियम बेंटिक |
1828 – 1835 |
1828 मे भारत के पहले गवर्नर जनरल नियुक्त। उन्होंने सती प्रथा को गैरकानूनी और भारत में अंग्रेजी शिक्षा की शुरुआत की। |
लॉर्ड डलहौजी |
1848 – 1856 |
उन्होने कुख्यात डॉक्ट्रीन ऑफ लैप्स की शुरुआत की। भारत में रेलवे और टेलीग्राफ का आगमन उनकी अवधी में ही हुआ। उन्हे आधुनिक भारत के निर्माता के रूप में भी जाना जाता है। |
लॉर्ड कैनिंग |
1856 – 1862 |
वे 1857 की लड़ाई के दौरान गवर्नर जनरल थे। उन्हे युद्ध के बाद पहला वायसराय नियुक्त किया गया। |
लॉर्ड मेयो |
1869 – 1872 |
वे अंडमान द्वीप समूह में एक अपराधी द्वारा मारे गए थे। भारत मे पहली जनगणना इसी अवधी में हुई थी पर इसमे सारे राज्य सम्मलित नही थे। |
लॉर्ड लिटन |
1876 – 1880 |
1 जनवरी 1877 को दिल्ली दरबार अथवा शाही दरबार, जिसमे महारानी विक्टोरिया को केसर-ए-हिंद घोषित किया गया, का आयोजन इनकी अवधि के दौरान हुआ था। भारतीय भाषा के समाचार पत्रों पर नियंत्रण रखने वाला अधिनियम वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट, 1878 इन्ही कि अवधि में पारित हुआ। |
लॉर्ड रिप्पन |
1880 – 1884 |
उन्होंने शासन की दोहरी प्रणाली की शुरुआत की। भारत की पहली सम्पूर्ण एवं समकालिक जनगणना 1881 मे आयोजित की गई। वे इल्बर्ट बिल के साथ भी जुड़े थे जिसके तहत भारतीय न्यायाधीश ब्रिटिश अपराधियों को दण्डित कर सकते थे। |
लॉर्ड डफ्फरिन |
1884 – 1888 |
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना इनकी अवधि के दौरान हुई थी। |
लॉर्ड कर्जन |
1899 – 1905 |
बंगाल का विभाजन तथा स्वदेशी आंदोलन की शुरुवात। |
लॉर्ड हार्डिंगे |
1910 – 1916 |
1911 में भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित हुई। इंगलैंड के राजा, जॉर्ज पंचम दिल्ली दरबार में उपस्थित होने के लिए 1911 मे भारत आए। राश बिहारी बोस और अन्य द्वारा उनकी हत्या का प्रयास किया गया। |
लॉर्ड चेम्सफोर्ड |
1916 – 1921 |
1919 के जलियांवाला बाग त्रासदी उनकी अवधि के दौरान हुई। मोंटेग चेम्सफोर्ड सुधार, रोलेट एक्ट, खिलाफत आंदोलन आदि घटनाएं भी इनकी अवधि से जुड़ी हैं। |
लॉर्ड रीडिंग |
1921 – 1926 |
चौरी-चौरा की घटना इनकी अवधि में घटी। इसी दौरान महात्मा गाँधी को पहली बार जेल भेजा गया। |
लॉर्ड इरविन |
1926 – 1931 |
इनकी अवधि साइमन कमीशन, गांधी इरविन समझौता, पहली गोलमेज सम्मेलन और प्रसिद्ध दांडी मार्च से जुड़ी है. |
लॉर्ड विल्लिंगडन |
1931 – 1936 |
दूसरे और तीसरे गोल मेज़ सम्मेलन का आयोजन, रामसे मैकडोनाल्ड का साम्प्रदायिक निर्णय और महात्मा गाँधी और डॉ० अम्बेडकर के बीच पूना पक्ट इस अवधि से जुड़ी घटनाएँ हैं। |
लॉर्ड लिन्लिथगो |
1936 – 1943 |
किर्प्स मिशन का भारत दौरा और भारत छोड़ो आंदोलन इनकी अवधि से जुड़े हैं। |
लॉर्ड वावेल |
1943 – 1947 |
शिमला सम्मेलन और कैबिनेट मिशन का भारत दौरा इसी अवधि में हुआ। |