पहला संशोधन (1951 ई.) |
संशोधन द्वारा नवी अनुसूची को शामिल किया गया । |
7वां संशोधन (1956 ई.) |
किस संशोधन द्वारा भाषायी आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया गया। |
26 वां संशोधन (1971 ई.) |
इसके द्वारा भूतपूर्व देशी राज्यों के शासकों की विशेष उपाधियों तथा उनके प्रिवीपर्स को समाप्त कर दिया गया। |
36 वां संशोधन ( 1975 ई.) |
सिक्किम को भारतीय संघ में 22वें राज्य के रूप में मान्यता प्रदान की गई। |
42 वां संशोधन ( 1976 ई.) |
कुछ विद्वानों द्वारा इसकी व्यापक प्रकृति को दृष्टिगत रखते हुए इसे ‘लघु संविधान’(mini constitution ) की संज्ञा प्रदान की गई है। इसकी प्रमुख बातें इस प्रकार हैं इसके द्वारा संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’, ‘समाजवादी’ और ‘अखंडता’ शब्द जोड़े गए। इसके द्वारा अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों की व्यवस्था करते हुए नागरिकों के 10 मूल कर्तव्य अनिश्चित किए गए। |
44वां संशोधन (1978 ई.) |
इसकी प्रमुख बातें इस प्रकार हैं संपत्ति के मूलाधिकार को समाप्त कर विधिक अधिकार बना दिया गया। ‘व्यक्ति के जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार’ को शासन के द्वारा आपातकाल में भी स्थगित या सीमित नहीं किया जा सकता। |
52वां संशोधन (1985 ई.) |
इस संशोधन द्वारा संविधान में दसवीं अनुसूची जोड़ी गई। इसके द्वारा राजनीतिक दल- बदल पर कानूनी रोक लगाने की चेष्टा की गई। |
61 वां संशोधन ( 1989 ई.) |
मताधिकार के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई। |
73वां संशोधन (1992 ई.) |
संविधान में एक नया भाग 9 तथा एक नई अनुसूची 11 वीं अनुसूची जोड़ी गई और पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया। |
74वां संशोधन ( 1993 ई.) |
संविधान में एक नया भाग 9क और एक नई 12वीं अनुसूची जोड़कर शहरी क्षेत्र की स्थानीय स्वशासन संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया। |
84 वां संशोधन ( 2001 ई.) |
लोकसभा एवं विधानसभा की सीटों की संख्या में सन् 2026 ई. तक कोई छेड़छाड़ नहीं करने संबंधी 84 वां संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 2002 पारित किया गया । |
85 वां संशोधन (2001 ई.) |
इस संशोधन से सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण का मार्ग प्रशस्त किया गया। |
91वां संशोधन (2003 ई.) |
इसमें दलबदल विरोधी कानून में संशोधन किया गया हैं। इसके अतिरिक्त यह प्रावधान भी किया गया है कि केंद्र एवं राज्य सरकारें अपने-अपने मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की संख्या लोकसभा और विधानसभा की सीटों के 15% से ज्यादा नहीं कर सकती। |
92 वां संशोधन (2003 ई.) |
इसमें आठवीं अनुसूची में 4 भाषाओं; मैथिली, डोगरी, बोडो और संथाली’ को जोड़ा गया है। |
93वां संशोधन (2005 ई.) |
सरकारी शिक्षण संस्थाओं के साथ ही निजी शिक्षण संस्थाओं में भी आरक्षण का प्रावधान लागू करने के लिए लाया गया। |
94 वां संशोधन (2006 ई.) |
इसके द्वारा जनजातीय लोगों के कल्याण के उद्देश्य से अनुच्छेद 164 के अंतर्गत झारखंड और छत्तीसगढ़ को भी शामिल करते हुए इन दोनों राज्यों में भी जनजातीय मंत्री बनाने का प्रावधान किया गया है |
95 वां संशोधन (2010 ई.) |
अनुसूचित जाति/ जनजाति के लिए आरक्षण की अवधि लोकसभा/ राज्य की विधानसभा के लिए 60 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष ( 10 वर्ष के लिए) |
96 वां संशोधन (2011 ई.) |
‘उड़िया’ भाषा का ‘ ओड़िया’ में परिवर्तन किया गया। |
97 वां संशोधन (2012 ई.) |
अनुच्छेद 19 (1)(C) में ‘सहकारी समितियां’ शब्द को जोड़ा गया। |
98 वां संशोधन (2013 ई.) |
हैदराबाद, कर्नाटक क्षेत्र को विकसित करने के लिए कर्नाटक के राज्यपाल को अतिरिक्त शक्तियां प्रदान करने हेतु |
99 वां संशोधन (2014 ई.) |
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग का गठन |
100 वां संशोधन (2015 ई.) |
भारत और बांग्लादेश के बीच भू-सीमा समझौता ( 1974) को लागू करने हेतु। |
101वां संशोधन (2016 ई.) |
जीएसटी कर लागू करने हेतु। |