पुर्तगाली
15वीं शताब्दी मे युरोप के लोग भारत के लिए जल मार्ग खोजने लगे क्योंकि भारत के साथ यूरोप का स्थलमार्ग महंगा तथा असुरक्षित था। इस क्रम मे सबसे पहले स्पेन का नाविक कोलम्बस 1492ई. मे भारत के धोखे मे अमेरिका पहुच गया। इस प्रकार एक नई दुनियां की खोज हुई क्योकि अमेरिका महाद्वीप की उस समय तक शेष दुनियां को जानकारी नही थी। इसके बाद पुर्तगाली नाविक बार्थो लेम्यूज डायस 1497ई. मे अफ्रीका के अंतिम छोर आशा अंतरीप Cape of Good Hope तक पहुच गया।
27 मई 1498ई. को वास्कोडिगामा आशा अंतरीप होते हुए भारत मे कालीकट पहुचा जहां हिन्दू राजा (जमोरिन ) ने उसका स्वागत किया। उसका यह स्वागत अरब व्यापारियों को पसंद नही आया वास्कोडिगामा के बाद केब्राल 1500 भारत आया। पुर्तगालियां ने पहली बस्ती कालीकट मे स्थापित की।
डी-अल्मेडा (1515) भारत मे पुर्तगाल अधिकृत प्रदेशो का पहला गवर्नर था। वह नीले पानी नीति का बडा समर्थक था। इसके अनुसार समुन्द्र पर पुर्तगालियों का प्रभुत्व ही भारत स्थित उनकी व्यापारिक मंडियों और कोठियो को सुरक्षित रख सकता है। डी-अल्मेडा ने मालद्वीप पर अधिकार किया।
अलफांसो डी-अल्बुकर्क 1509 ने 1510ई. मे बीजापुर से गोवा छीनकर वहां पर स्वतंत्र पुर्तगाली राज्य की स्थापना की। इसने भारतीयों को भी अपनी सेना मे शामिल किया। इसकी कब्र गोवा मे है। इसके बाद नुनो-डी-कुन्हा गवर्नर (1515) बना इसने हुबली पर प्रभुत्व स्थापित किया तथा 1530ई. मे गोवा को राजधानी बनाया। जोबा-डी-कैस्ट्रो ने बीजापुर को पराजित किया ।
शांहजहॉ के समय मे पुर्तगालियो ने हुबली पर से अपना अधिकार खो दिया था।
मुगल बादशाह अकबर ने लाल सागर मे नि:शुक्ल व्यापार करने के लिए पुर्तगालियों से से कार्ट्ज (परमिट) प्राप्त किया। यह सुरक्षा कर से छूट का परमिट था। सेंट फ्रांसिस जेवियर ने ईसाई धर्म के प्रचार मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पुर्तगालियो ने भारत मे तम्बाकु की खेती शुरु की ।
प्रथम प्रिंटिग प्रेस की स्थापना भी पुर्तगालियों ने गोवा (1556) मे की।
1668ई. मे मुम्बई को पुर्तगालियों ने ब्रिटीश सम्राट चार्ल्स द्वितीय को पुर्तगाली राजकुमारी केथरीना से विवाह करने के उपलक्ष्य मे दहेज मे दिया।
1961ई. तक पुर्तगालियो का गोआ,दमन और दीव पर अधिकार रहा।
पुर्तगालियों पतन का मुख्य कारण अल्बुकर्क के निधन के बाद कोई शक्तिशाली वायसराय का न होना था। इसके अलावा भारत में पुर्तगाली प्रशासन भ्रष्ट, रिश्वतखोर और जन उत्पीडन हो गया था। ब्राजील का पता लग जाने पर पुर्तगालियों ने अपना विशेष ध्यान ब्राजील की ओर केन्द्रित किया।