वायसराय
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वर्ष
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कार्य
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लॉर्ड कैनिंग
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1856-1862
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1856 में बंगाल के गवर्नर जनरल बने। 1857 का विद्रोह, 1858 का घोषणा पत्र, 1861 का इंडियन कॉउन्सिल एक्ट,सी.पी.सी. को लागू करना, दास प्रथा को गैर-कानूनी घोषित करना।
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लॉर्ड एल्गिन
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1862-1863
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भावी आन्दोलन का दमन, धर्मशाला में मृत्यु।
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सर जॉन लॉरेन्स
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1863-1869
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भूटान युद्ध, दुर्भिक्ष आयोग का गठन, अह्स्तक्षेप की नीति।
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लॉर्ड मेयो
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1869-1872
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वित्त का विकेन्द्रीयकरण, प्रथम जनगणना, मेयो विद्यालय की स्थापना(अजमेर), अण्डमान में हत्या की गई।
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नार्थब्रुक
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1872-1876
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गायकवाड़ को पद से हटाया, रामसिंह के नेतृत्व में कूका विद्रोह, प्रिंस ऑफ वेल्स की भारत यात्रा।
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लॉर्ड लिटन
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1876-1880
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द्वितीय आंग्ल-अफगान युद्ध, स्ट्रेची अकाल आयोग का गठन, महारानी को केसर-ए-हिन्द की उपाधि,वर्नाकुलर प्रेस एक्ट, भारतीय शस्त्र अधिनियम, सिविल सेवा की आयु 21 से घटाकर 19 वर्ष। यह औवेन मेरेडिथ के नाम से जाना जाता है।
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लॉर्ड रिपन
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1880-1884
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प्रथम फैक्ट्री एक्ट, लिटन के आदेशों को रद्द करना, 1882 में स्थानीय स्वशासन अधिनियम को पारित करना, शिक्षा के लिए हंटर आयोग का गठन, इल्बर्ट बिल मैसूर राज्य को वापस करना, पहली अधिकारिक जनगणना,अकाल संहिता, पंजाब विश्व विद्यालय की स्थापना करना
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लॉर्ड डफरिन
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1884-1888
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बर्मा का विलय, कांग्रेस की स्थापना, बंगाल काश्तकारी अधिनियम।
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लॉर्ड लैन्सडाउन
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1888-1894
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दूसरा फैक्ट्री अधिनियम, एज ऑफ कनसेन्ट अधिनियम(विवाह के लिए लड़की की न्यूनतम आयु 12 वर्ष), 1992 का अधिनियम, डूरंड लाइन का निर्धारण करना।
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लॉर्ड एल्गिन द्वितीय
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1894-1899
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बम्बई में प्लेग,लॉयल अकाल कमेटी का गठन, तिलक ने शिवाजी, गणेश महोत्सव शूरू किये।
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लार्ड कर्जन
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1899-1905
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फ्रेजर की अध्यक्षता में पुलिस आयोग का गठन, रैले की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय आयोग का गठन किया,1904 में विश्वविद्यालय अधिनियम पारित, मैकडोनाल्ड मानक्रिफ की अध्यक्षता में सिंचाई आयोग का गठन,मेकडौलन की अध्यक्षता में अकाल आयोग का गठन, 1899 में कलकत्ता निगम अधिनियम,1904 में प्राचीन स्मारक कानून पारित किया, पूना कृषि संस्थान की स्थापना, बंगाल विभाजन, गोखले ने इसकी तुलना औरंगजेब से की।
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लार्ड मिन्टो द्वितीय
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1905-1910
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स्वदेशी और बायकॉट आन्दोलन, मुस्लिम लीग की स्थापना, सूरत कांग्रेस विभाजन, एस.पी.सिन्हा गवर्नर परिषद के सदस्य बने, साम्प्रदायिक निर्वाचन।
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लार्ड हार्डिंग द्वितीय
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1910-1916
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जॉर्ज पंचम और क्वीन मेरी क भारत आगमन, बंगाल विभाजन रद्द, राजधानी कोलकाता से दिल्ली स्थानान्तरित, दिल्ली बम काण्ड, प्रथम विश्वयुद्ध की शुरुआत, गांधी जी का भारत आगमन, गोपाल कृष्ण गोखले की मृत्यु।
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लॉर्ड चेम्सफोर्ड
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1916-1921
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होमरूल लीग की स्थापना, लखनऊ पैक्ट, कर्वे द्वारा पूना में महिला विश्वविधालय की स्थापना, मदन मोहन मालवीय द्वारा बनारस में हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना, रौलेट एक्ट,जलियांवाला बाग काण्ड, हंटर समिति का गठन, खिलाफत आन्दोलन , आसहयोग आन्दोलन, मोपला विद्रोह, अवध रेन्ट अधिनियम, प्रिंस ऑफ वेल्स की भारत यात्रा।
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लॉर्ड रीडिंग
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1921-1926
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चौरी-चौरा काण्ड, हेडगेवार द्वारा राष्ट्रीय स्वंम सेवक संघ की स्थापना, पेरस अधिनियम और रौलेट एक्ट का रद्द होना, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया की स्थापना, स्वराज पार्टी का गठन, सेना सुधार के लिए सेन्टहर्स्ट समिति का गठन, लोक सेवा सुधार के लिए ली कमेटी का गठन, करेंसी नोट पर हिल्टन समिति का गठन।
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लॉर्ड इरविन
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1926-1931
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बटलर कमेटी का गठन, सिमन कमीशन का भारत आगमन, बारदोली सत्याग्रह , नेहरू रिपोर्ट, पूर्ण स्वराज की मांग, हटले आयोग का गठन, श्रमिकों की स्थिति के अध्ययन के लिए, लिन्डसे आयोग का गठन मिशनरी शिक्षा के लिए, शारदा एक्ट द्वारा लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र 14 वर्ष,11 सूत्री मांग(गांधी), 14 सूत्री मांग(जिन्ना), प्रथम गोलमेज सम्मेलन, प्रथम सविनय अवज्ञा आन्दोलन(डांडी), गांधी-इरविन गोलमेज।
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लॉर्ड वेलिंगटन
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1931-1936
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द्वितीय गोलमेज सम्मेलन, सप्रू समिति का गठन बेरोजगारी के लिए कम्युनल अवार्ड, द्वितीय गोलमेज सम्मेलन, पूना पैक्ट, देहरादून मे आई.एम. ए. की स्थापना, सिन्ध राज्य की स्थापना, 1935 का अधिनियम।
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लॉर्ड लिनलिथगो
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1936-1944
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अंतरिम सरकार का गठन, मुक्ति दिवस , व्यक्तिगत सत्याग्रह, अगस्त प्रस्ताव, क्रिप्स मिशन, भारत छोड़ो आन्दोलन पाकिस्तान दिवस, फॉरवर्ड ब्लाँक की स्थापना
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लॉर्ड वेवेल
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194-1947
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सी. आर. फार्मूला, शिमला सम्मेलन, नौसेना विद्रोह, सीधी कार्यवाही दिवस,कैबिनेट मिशन
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लॉर्ड माउन्टबेटन
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1947 -1948
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भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल
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चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
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1947-1950
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राजगोपालाचारी पहले तथा अंतिम भारतीय थे जो स्वतंत्र भारत के गवर्नर जनरल बने। यह 26 जनवरी 1950 तक इस पद पर रहे। 26 जनवरी 1950 को भारत को गणतंत्र घोषित कर दिय गया। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति बने।
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