संघपरिनायक और धर्म तथा विनय विषयों पर एक-एक वक्ता कों चुनने का अवसर होता था |
वर्षा ऋतु के दौरान मठों में प्रवास के समय भिक्षुओं द्वारा किए गए अपराधों को स्वीकारोक्ति का अवसर होता था
किसी नए व्यक्ति को बौद्ध संघ में प्रवेश देने का समारोह होता था, जिसमें उसका सिर मुण्डवा दिया जाता था और पीले वस्त्र दिए जाते थे
आषाढ की पूर्णिमा के अगले दिन बौद्ध भिक्षुओं के एकत्र होने का अवसर होता था, जन वे वर्षा ऋतु के आगामी चार महीनों के लिए निश्चित आवास चुनने थे