• यज्ञीय अग्नि का प्रतिरूप मानी जाती थी

  • इन्द्र के बाद अग्नि का ही महत्व था

  • अग्नि देवताओं एवं मनुष्यों बीच सन्देशवाहक या दूत का कार्य करती थी

  • उपरोक्त सभी


उपरोक्त सभी