• बौद्ध धर्म में तन्त्र -मन्त्र का प्रभाव पड़ने से इस पन्त का उद्भव हुआ

  • वज्रयान अनुयायी पंचमकार साधना में विश्वास करते थे।

  • इसके सिद्धान्त मंजूश्रीमूलकल्प नामक ग्रन्थ में मिलते हैं।

  • इस सम्प्रदाय का विकास लगभग चौथी -पाँचवी शताब्दी में हुआ


इस सम्प्रदाय का विकास लगभग चौथी -पाँचवी शताब्दी में हुआ