• संसार दुख से भरा हैं |

  • इच्छाएं सारे दुखों का कारण हैं

  • यदि इ्च्छाओं पर विजय पा लें तो दुख दूर हो सकता हैं

  • यह सिर्फ अष्टांगिक मार्ग का अनुसरण करने से हो सकता हैं


यदि इ्च्छाओं पर विजय पा लें तो दुख दूर हो सकता हैं