हीनयान बौद्ध सिद्धांत की आदि और प्राचीन शाखा जिसके ग्रंथ पाली भाषा में हैं । विशेष—इस शाखा का प्रचार एशिया के दक्षिण भागों में, सिंहल, बरमा और स्याम आदि देशों में है, इसी से यह दक्षिण शाखा के नाम से भी प्रसिद्ध है । यान का अर्थ है निर्वाण या मोक्ष की ओर ले जानेवाला रथ ।
Answered :- 2023-09-09 19:18:05
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