यह समझौता जवाहरलाल नेहरु और अम्बेदकर के बीच हुआ था
इसके तहत वंचित वर्ग ने संयुक्त मतदाता समूह में रहने का फैसला किया
प्रांतीय विधानपालिकाओं में वंचित वर्ग को सीटें आरक्षित की गयी
इसके द्वारा सिविल सेवाओं में वंचित वर्ग को समुचित प्रतिनिधित्व प्रदान किया गया