• पुराणों एवं महाकव्यों के अनुसार इसकी स्थापना बृहद्रथ ने की

  • महापद्मनन्द ने इसे सर्वाधिक विस्तार प्रदान किया तथा सर्वक्षत्रान्तक और एकराट् की उपाधि ग्रहण की

  • गिरिव्रज ,राजगृह ,पाटलिपुत्र वैशाली क्रमशः इसकी चार राजधानियाँ बनीं

  • उपरोक्त में से कोई नहीं


उपरोक्त में से कोई नहीं