क्योंकि इस वंश के सभी शासक एक परिवार के नहीं थे।
क्योंकि तकनीकी दृष्टि से केवल क़ुतुबुद्दीन ऐबक ने ही अपना जीवन दास के रूप में शुरू किया था।
क्योंकि केवल तीन सुल्तान ही अपने प्रारम्भिक जीवन में दास रह चुके थे, और बाद में उन्हें उनके स्वामियों द्वारा दासता से मुक्त कर दिया था।
क्योंकि क़ुतुबुद्दीन ऐबक के अतिरिक्त इस वंश के अन्य सुल्तान दास नहीं थे।