कर एक प्रकार का कवक है जिसका कवक जाल तीन प्रकार के तन्तुओं से मिलकर बना होता है। ये तन्तु हैं:

  1. मूलाभास कवक तन्तु (Rhizoidal hyphae): ये तन्तु कवक जाल को आधार से जोड़ने का काम करते हैं। ये मिट्टी या अन्य सतहों में प्रवेश करते हैं और कवक को स्थिर रखने में मदद करते हैं।
  2. भूस्तारी कवक तन्तु (Stolons): ये क्षैतिज रूप से बढ़ने वाले तन्तु होते हैं जो कवक जाल को फैलाते हैं। ये नए क्षेत्रों में फैल सकते हैं और नए मूलाभास बना सकते हैं।
  3. बीजाणुधानीधर कवक तन्तु (Sporangiophore): ये ऊर्ध्व तन्तु होते हैं जिनके सिरों पर बीजाणुधानियाँ (sporangia) लगी होती हैं। बीजाणुधानियों में बीजाणु (spores) बनते हैं, जो नए कवक बनाने के लिए अंकुरित हो सकते हैं।

म्यूकर के कवक जाल में इन तीनों प्रकार के तन्तुओं की उपस्थिति इसे जटिल और प्रभावी बनाती है। मूलाभास इसे आधार से जोड़ते हैं, भूस्तारी इसे फैलाते हैं, और बीजाणुधानीधर नए बीजाणुओं का उत्पादन करते हैं।


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