वाहिकाएँ पौधों में पाई जाने वाली लंबी, बेलनाकार नलिकाएँ होती हैं जो कई कोशिकाओं से मिलकर बनी होती हैं। ये नलिकाएँ पौधों में पानी और खनिजों के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

वाहिकाओं की विशेषताएं:

  • लंबी और बेलनाकार: वाहिकाएँ लंबी और बेलनाकार होती हैं, जो उन्हें पानी और खनिजों के परिवहन के लिए उपयुक्त बनाती हैं।
  • कई कोशिकाओं से मिलकर बनी: वाहिकाएँ कई कोशिकाओं से मिलकर बनी होती हैं, जिनके सिरे एक दूसरे से जुड़े होते हैं।
  • कोशिका भित्ति: वाहिकाओं की कोशिका भित्ति मोटी और लिग्निफाइड होती है, जो उन्हें मजबूत बनाती है।
  • जीवित कोशिकाएँ: वाहिकाओं की कोशिकाएँ जीवित होती हैं, लेकिन उनमें कोई कोशिका द्रव्य या नाभिक नहीं होता है।

वाहिकाओं के कार्य:

  • पानी और खनिजों का परिवहन: वाहिकाएँ जड़ों से पानी और खनिजों को पत्तियों और अन्य भागों तक ले जाती हैं।
  • पौधों को सहारा: वाहिकाएँ पौधों को सहारा प्रदान करती हैं और उन्हें सीधा रखने में मदद करती हैं।

वाहिकाओं की उपस्थिति:

  • टेरिडोफाइट्स और अनावृतबीजी: टेरिडोफाइट्स और अनावृतबीजी पौधों में वाहिकाएँ अनुपस्थित होती हैं।
  • आवृतबीजी: आवृतबीजी पौधों में वाहिकाएँ उपस्थित होती हैं।

निष्कर्ष:

वाहिकाएँ पौधों में पानी और खनिजों के परिवहन के लिए आवश्यक होती हैं। वे पौधों को सहारा भी प्रदान करती हैं। वाहिकाएँ टेरिडोफाइट्स और अनावृतबीजी पौधों में अनुपस्थित होती हैं, लेकिन आवृतबीजी पौधों में उपस्थित होती हैं।


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