इटाई-इटाई रोग: कैडमियम का घातक प्रभाव

इटाई-इटाई रोग, जिसे "दर्दनाक रोग" के रूप में भी जाना जाता है, कैडमियम नामक भारी धातु के विषाक्त प्रभाव के कारण होता है। यह रोग जापान में 20वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में टोयामा प्रान्त में फैला था, जहाँ खदानों से निकलने वाले कैडमियम युक्त पानी के कारण मिट्टी और चावल दूषित हो गए थे। इस दूषित भोजन के सेवन से स्थानीय लोगों में यह रोग फैला।

इटाई-इटाई रोग के लक्षण

इटाई-इटाई रोग मुख्य रूप से हड्डियों को प्रभावित करता है, जिससे वे कमजोर और भंगुर हो जाती हैं। इस रोग के कारण असहनीय दर्द होता है, खासकर रीढ़ की हड्डी और जोड़ों में। इसके अलावा, इस रोग के अन्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • हड्डियों का नरम होना (ऑस्टियोमलेशिया)
  • गुर्दे की क्षति
  • मांसपेशियों में कमजोरी
  • एनीमिया

इटाई-इटाई रोग का उपचार

इटाई-इटाई रोग का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। हालांकि, कैडमियम के संपर्क को कम करके और लक्षणों का प्रबंधन करके रोग की प्रगति को धीमा किया जा सकता है। उपचार में शामिल हो सकते हैं:

  • कैडमियम के संपर्क से बचाव
  • दर्द निवारक दवाएं
  • कैल्शियम और विटामिन डी की खुराक
  • गंभीर मामलों में सर्जरी

इटाई-इटाई रोग की रोकथाम

इटाई-इटाई रोग को रोकने के लिए कैडमियम के संपर्क को कम करना सबसे महत्वपूर्ण है। इसके लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • औद्योगिक कचरे का उचित निपटान
  • कैडमियम युक्त पानी और खाद्य पदार्थों के सेवन से बचाव
  • कैडमियम के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना

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