A संस्तर, जिसे ऊपरी मृदा भी कहा जाता है, मिट्टी की सबसे ऊपरी परत होती है। यह परत पौधों के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें कार्बनिक पदार्थों की मात्रा अधिक होती है और जैविक क्रियाएं अपनी चरम सीमा पर होती हैं।
A संस्तर की विशेषताएं:
A संस्तर का महत्व:
A संस्तर का निर्माण:
A संस्तर का निर्माण चट्टानों के अपक्षय और कार्बनिक पदार्थों के जमाव से होता है। चट्टानों के अपक्षय से खनिज कण बनते हैं, जो मिट्टी का आधार बनाते हैं। कार्बनिक पदार्थ, जैसे कि पौधों और जानवरों के अवशेष, मिट्टी में जमा होते हैं और ह्यूमस में परिवर्तित हो जाते हैं।
A संस्तर का संरक्षण:
A संस्तर को कटाव से बचाना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मिट्टी की सबसे उपजाऊ परत होती है। कटाव से बचाने के लिए विभिन्न उपाय किए जा सकते हैं, जैसे कि वनीकरण, बांध बनाना और खेतों की मेड़बंदी करना।
निष्कर्ष:
A संस्तर मिट्टी की सबसे ऊपरी और सबसे महत्वपूर्ण परत होती है। यह पौधों के विकास, पारिस्थितिकी तंत्र और कृषि के लिए बहुत आवश्यक है। हमें A संस्तर को कटाव से बचाना चाहिए और इसकी उर्वरता को बनाए रखने के लिए प्रयास करना चाहिए।