ठोस रम्भ, जिसे प्रोटॉस्टीले भी कहा जाता है, संवहनी पौधों में पाया जाने वाला सबसे सरल और आदिम प्रकार का रम्भ है। रम्भ पौधों के तने और जड़ों के केंद्रीय भाग को संदर्भित करता है, जिसमें संवहनी ऊतक (जाइलम और फ्लोएम) शामिल होते हैं।

ठोस रम्भ की विशेषताएँ:

  • जाइलम ऊतक का ठोस कोर: ठोस रम्भ में, जाइलम ऊतक एक ठोस केंद्रीय कोर बनाता है। जाइलम वह ऊतक है जो पौधों में पानी और खनिजों का परिवहन करता है।
  • फ्लोएम की उपस्थिति: फ्लोएम ऊतक, जो शर्करा और अन्य कार्बनिक पदार्थों का परिवहन करता है, जाइलम कोर को घेरे रहता है।
  • पिथ अनुपस्थित: ठोस रम्भ में पिथ (मज्जा) अनुपस्थित होता है। पिथ एक प्रकार का पैरेन्काइमा ऊतक है जो कुछ पौधों के रम्भ के केंद्र में पाया जाता है।

ठोस रम्भ के प्रकार:

ठोस रम्भ कई प्रकार के होते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • हैप्लोस्टीले: यह ठोस रम्भ का सबसे सरल प्रकार है, जिसमें जाइलम एक चिकने कोर के रूप में होता है।
  • एक्टिनोस्टीले: इस प्रकार के ठोस रम्भ में, जाइलम कई भुजाओं या किरणों के रूप में होता है।
  • प्लेक्टोस्टीले: इस प्रकार के ठोस रम्भ में, जाइलम कई प्लेटों या पट्टियों के रूप में होता है।

ठोस रम्भ का महत्व:

ठोस रम्भ संवहनी पौधों के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम था। इसने पौधों को अधिक कुशलता से पानी और पोषक तत्वों का परिवहन करने की अनुमति दी, जिससे वे बड़े और अधिक जटिल रूप से विकसित हो सके।

ठोस रम्भ किन पौधों में पाया जाता है?

ठोस रम्भ टेरिडोफाइट्स (जैसे फर्न) और कुछ आदिम संवहनी पौधों में पाया जाता है।

निष्कर्ष:

ठोस रम्भ संवहनी पौधों में पाया जाने वाला सबसे सरल प्रकार का रम्भ है। इसकी विशेषता जाइलम के ठोस कोर और पिथ की अनुपस्थिति है। ठोस रम्भ पौधों के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


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