एग्रेन्यूलोसाइट्स: श्वेत रक्त कोशिकाओं का एक महत्वपूर्ण भाग
एग्रेन्यूलोसाइट्स, जिन्हें अकणिक कोशिकाएँ भी कहा जाता है, श्वेत रक्त कोशिकाओं (WBCs) का एक प्रमुख प्रकार हैं। श्वेत रक्त कोशिकाएँ हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का अभिन्न अंग हैं और संक्रमण से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। एग्रेन्यूलोसाइट्स की विशेषता यह है कि इनके कोशिका द्रव्य में कोई विशिष्ट कणिकाएँ (granules) मौजूद नहीं होती हैं, जबकि श्वेत रक्त कोशिकाओं के दूसरे प्रमुख प्रकार, ग्रैनुलोसाइट्स में विशिष्ट कणिकाएँ पाई जाती हैं।
एग्रेन्यूलोसाइट्स के प्रकार
एग्रेन्यूलोसाइट्स कुल श्वेत रक्त कोशिकाओं का लगभग 35% भाग बनाती हैं और इन्हें दो मुख्य प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:
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लिम्फोसाइट्स (Lymphocytes): लिम्फोसाइट्स प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रमुख कोशिकाएँ हैं। ये तीन मुख्य प्रकार की होती हैं:
- टी-लिम्फोसाइट्स (T-lymphocytes): ये कोशिकाएँ कोशिका मध्यस्थता प्रतिरक्षा (cell-mediated immunity) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे सीधे संक्रमित कोशिकाओं पर हमला करती हैं और उन्हें नष्ट करती हैं।
- बी-लिम्फोसाइट्स (B-lymphocytes): ये कोशिकाएँ एंटीबॉडी (antibodies) का उत्पादन करती हैं, जो एंटीजन (antigens) से जुड़कर उन्हें निष्क्रिय कर देती हैं। एंटीबॉडी आधारित प्रतिरक्षा को तरल प्रतिरक्षा (humoral immunity) भी कहा जाता है।
- प्राकृतिक मारक कोशिकाएँ (Natural Killer cells): ये कोशिकाएँ वायरस से संक्रमित कोशिकाओं और कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करती हैं।
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मोनोसाइट्स (Monocytes): मोनोसाइट्स सबसे बड़ी श्वेत रक्त कोशिकाएँ होती हैं। ये रक्त में परिसंचरण करती हैं और ऊतकों में प्रवेश करने पर मैक्रोफेज (macrophages) में बदल जाती हैं। मैक्रोफेज बड़ी भक्षक कोशिकाएँ होती हैं जो बैक्टीरिया, वायरस और अन्य हानिकारक पदार्थों को नष्ट करती हैं। वे मृत कोशिकाओं और ऊतकों के मलबे को भी साफ करती हैं।
एग्रेन्यूलोसाइट्स के कार्य
एग्रेन्यूलोसाइट्स शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में कई महत्वपूर्ण कार्य करती हैं, जिनमें शामिल हैं:
- संक्रमण से लड़ना: लिम्फोसाइट्स और मोनोसाइट्स दोनों ही संक्रमण से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। लिम्फोसाइट्स एंटीबॉडी का उत्पादन करके या सीधे संक्रमित कोशिकाओं पर हमला करके संक्रमण से लड़ती हैं, जबकि मोनोसाइट्स हानिकारक पदार्थों को नष्ट करके संक्रमण से लड़ती हैं।
- प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को नियंत्रित करना: लिम्फोसाइट्स प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने में भी मदद करती हैं। वे यह सुनिश्चित करती हैं कि प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बहुत मजबूत न हो और स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान न पहुंचाए।
- ऊतकों की मरम्मत: मोनोसाइट्स मैक्रोफेज में बदलने के बाद ऊतकों की मरम्मत में भी मदद करती हैं। वे मृत कोशिकाओं और ऊतकों के मलबे को साफ करती हैं, जिससे नई कोशिकाओं के विकास के लिए जगह बनती है।