ऐस्कैरिस लुम्ब्रीक्वॉएडिस एक प्रकार का गोलकृमि है, जो मनुष्य की छोटी आंत में पाया जाता है। यह एक परजीवी है, जिसका अर्थ है कि यह जीवित रहने के लिए किसी अन्य जीव (मनुष्य) पर निर्भर रहता है।

यहाँ ऐस्कैरिस लुम्ब्रीक्वॉएडिस की कुछ विशेषताएं हैं:

  • यह एकलिंगी (dioecious) होता है, जिसका अर्थ है कि नर और मादा अलग-अलग होते हैं।
  • नर मादा से छोटा होता है।
  • नर में अवस्कर द्वार (cloacal aperture) से निकले एक जोड़ी पीनियल शूक (penial setae) पाये जाते हैं।
  • नर और मादा दोनों में, पश्च छोर के कुछ ही आगे, पार्श्वो में एक जोड़ी सूक्ष्म गड्ढेनुमा ग्रान्थिल संवेदांग होते हैं। इन्हे फेस्मिड्स (phasmids) कहते हैं।
  • इसमें एपिडर्मिस बहुकेन्द्रकीय या सिन्सिटियल (syncytial) होती है।
  • इसमें लार ग्रंथियां नहीं पाई जाती हैं।

ऐस्कैरिस लुम्ब्रीक्वॉएडिस मनुष्यों में कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है, जिनमें शामिल हैं:

  • पेट दर्द
  • दस्त
  • उल्टी
  • भूख में कमी
  • वजन घटना
  • कुपोषण

गंभीर मामलों में, ऐस्कैरिस लुम्ब्रीक्वॉएडिस आंतों में रुकावट पैदा कर सकता है, जिससे जानलेवा जटिलताएं हो सकती हैं।

ऐस्कैरिस लुम्ब्रीक्वॉएडिस का संक्रमण आमतौर पर दूषित भोजन या पानी के सेवन से होता है। इस संक्रमण से बचने के लिए, भोजन और पानी को अच्छी तरह से धोना और साफ रखना महत्वपूर्ण है।


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