स्व बहुगुणिता पौधों में होने वाली क्रियाओं में से एक क्रिया है। स्व बहुगुणिता एवं बहुगुणित गुणसूत्र एक ही जाति के होते हैं। स्व बहुगुणिता F<sub>1</sub> संकर में कोल्चीसीन से गुणसूत्रों की संख्या को दुगुनी करके निर्माण की जाती है। इसके कारण पत्तियों, फूलों तथा फलों का आकार बड़ा हो जाता है।