कोशिक भित्ति का अध्ययन रॉबर्ट हुक नामक वैज्ञानिक ने सन् 1665 में किया था। कोशिका भित्ति जीवद्रव्य द्वारा स्त्रावित पदार्थ है जो पादपों को प्रतिकूल वातावरण में रक्षा तथा सहारा प्रदान करती है। परिपक्व कोशिकाओं में कोशिका भित्ति तीन परत मोटी होती है। कोशिका भित्ति कोशिका झिल्ली से बाहर पारगम्य एवं निर्जीव मोटी परत है।