वर्णक तन्त्र-I (Pigment system-I) #8211; हरितलवक P<sub>700</sub>, फोटोन की क्वान्टम ऊर्जा की अपने अन्दर ग्रहण करके उत्तेजित हो जाता है तथा इलेक्ट्रॉन्स का उत्सर्जन होता है। उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन्स एक पदार्थ A(Fe-S) द्वारा अवशोषित किये जाते हैं, और फिर फैरीडॉक्सिन (Fd) व Cyt b<sub>6</sub>-f complex से होते हुए पुनः प्रकाश-कर्म-I के हरितलवक P<sub>700</sub> में वापस आ जाते हैं, क्योंकि इस प्रक्रम में हरितलवक P<sub>700</sub> से उत्सर्जित इलेक्टॉन पुनः पर्णहरिम P<sub>700</sub> वापिस चले जाते हैं, इसलिए इस प्रक्रिया को चक्रीय प्रकाश-फॉस्फोरिलीकरण (cyclic photophosphorylation) कहते हैं। इस प्रकाश तन्त्र में ऊर्जा ATP में इक्ट्ठा होती है। इस प्रकाश तन्त्र में न तो जल का ऑक्सीकरण होता है, और न ऑक्सीजन निकलती है।