मेण्डलवाद नियम के अनुसार ग्रेगर जॉन मेण्डल (Gregor Johann Mendel) ने मटर (Pisum sativum) के पौधे पर अपने प्रयोग किये। मेण्डलवाद के अनुसार जब दो विभिन्न लक्षणों वाले पौधों में संकरण कराया जाता है तो प्राप्त होने वाली F<sub>1</sub> पीढ़ी (प्रथम पीढ़ी) में केवल एक पौधों का लक्षम प्राप्त होता है।