प्रकाश-श्वसन #8211; (1) प्रकाश-श्वसन C<sub>3</sub> पौधों में, तीव्र प्रकाश एवं अधिक तापक्रम की दशा में होता है। प्रकाश-श्वसन की क्रिया में पौधे ऑक्सीजन ग्रहण कर कार्बन डाई ऑक्साइड (CO<sub>2</sub>) गैस को बाहर निकाल देती हैं परन्तु ATP का निर्माण व NAD का अपचयन नहीं होता। (2) प्रकाश श्वसन की क्रिया में हरितलवक, माइट्रोकॉण्ड्रिया तथा परऑक्सीसोम की मुख्य भूमिका होती है। (3) हरितलवक में उपस्थित राइब्यूलोस बाइफॉस्फेट कार्बोक्सिलेस एन्जाइम (ribulose biphosphate carboxylase enzyme = Rubisco) ऑक्सीजन की अधिक सान्द्रता में ऑक्सीजिनेस (oxygenase) एन्जाइम का कार्य करता है और राइब्यूलोस 1,5-बाईफॉस्फेट का फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल व फॉस्फोग्लाइकोलेट में तोड़ देता है। (4) फॉस्फोग्लाइकोलेट (phospholycolate), ग्लाइकोलेट (glycolate), में परिवर्तित हो जाता है, और परॉक्सीसोम में पहुँचकर ग्लाइसिन (glycine) के रूप में बदल जाता है। ग्लाइसिन माइटोकॉण्ड्रिया में सेरीन, CO<sub>2</sub> तथा NH<sub>3</sub> को उत्पन्न करती है। (5) सेरीन (serine) में परॉक्सीसोम में प्रवेश कर ग्लिसरेट (glycerate) में बदल जाता है, जो हरित लवण में प्रवेश कर जाता है।