d ऑर्बिटल पाँच प्रकार के होते हैं। ये इस प्रकार हैं:
1. dxy: यह ऑर्बिटल x और y अक्षों के बीच स्थित होता है।
2. dxz: यह ऑर्बिटल x और z अक्षों के बीच स्थित होता है।
3. dyz: यह ऑर्बिटल y और z अक्षों के बीच स्थित होता है।
4. dx²-y²: यह ऑर्बिटल x और y अक्षों पर स्थित होता है।
5. dz²: यह ऑर्बिटल z अक्ष पर स्थित होता है, जिसमें एक डोनट के आकार का वलय xy तल पर केंद्रित होता है।
अतिरिक्त जानकारी:
प्रत्येक d ऑर्बिटल एक विशेष स्थानिक अभिविन्यास रखता है, जो उन्हें रासायनिक बंधन और संक्रमण धातु परिसरों के गुणों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण बनाता है।
d ऑर्बिटल्स में अधिकतम 10 इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं (प्रत्येक ऑर्बिटल में 2 इलेक्ट्रॉन)।
d ऑर्बिटल्स संक्रमण धातुओं और उनके यौगिकों के रंग और चुंबकीय गुणों के लिए जिम्मेदार होते हैं।
d ऑर्बिटल्स की ऊर्जा स्तर अन्य कारकों के साथ-साथ लिगैंड क्षेत्र द्वारा प्रभावित होती है, जिससे विभिन्न स्पेक्ट्रोस्कोपिक और रासायनिक गुण उत्पन्न होते हैं।
d ऑर्बिटल्स परमाणु संरचना और रासायनिक बंधन की हमारी समझ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।