डेबाई हुकेल सिद्धांत – इस सिद्धांत के अनुसार तनु विद्युत अपघटनी विलयनों के आदर्श व्यवहार से क्विलनों की मात्रात्मक व्याख्या की जा सकती है। विलयन में प्रत्येक आयन विपरीत आवेश वाले आयनिक परिवेश से घिरा रहता है।

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