प्रेरणिक प्रभाव σ-बांड में उपस्थित होता है एवं यह स्थायी प्रभाव है। प्रेरणिक प्रभाव क्रिया में ध्रुवता एक ही दिशा में परिवर्तित होती है। प्रेरणिक प्रभाव अणु में उपस्थित वह प्रभाव है जिसके अन्तर्गत अणुओं में परमाणुओं की विद्युत्-ऋणता में अन्तर आ जाता है।

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