स्वत्रन्त्रय-कोटि – किसी तंत्र की स्वत्रन्त्रय-कोटि की संख्या परिवर्तित कारकों अर्थात् ताप, दाब और घटकों की सान्द्रता आदि की वह संख्या है जिसे तंत्र की अवस्था की पूरी परिभाषा करने के लिए स्थिर करना आवश्यक है।

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