दीर्घाकार आवर्त सारणी को बोर की आवर्त सारणी एवं आधुनिक आवर्त सारणी भी कहा जाता है। 19वीं और 20वीं शताब्दी में रांग, वर्नर व बूरी नामक वैज्ञानिकों ने बोर के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को आधार मानकर तत्वों के कुछ मॉडलों का एक नया और बेहतर संस्करण प्रस्तुत किया जिसे दीर्घाकार आवर्त सारणी कहते है।

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