C—X बन्ध की प्रकृति ध्रुवीय होती है क्योंकि X की विद्युत-ऋणात्मकता C से बहुत अधिक होती है अतः C पर आंशिक धनात्मक तथा X पर आंशिक ऋणात्मक आवेश आ जाता है। ऐल्किल हैलाइडों की ध्रुवीय प्रकृति उन्हें अत्यधिक क्रियाशील बनाती हैं।

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