ऐलिसाइक्लिक यौगिकों का नामकरण – (1) पूर्वलग्न साइक्लो संगत विवृत श्रृंखला हाइड्रोकार्बन (ऐल्केन, ऐल्कीन या ऐल्काइन) के नाम में जोड़ा जाता है। (2) चक्र में प्रतिस्थापी की स्थिति अरबी संख्या अर्थात् 1, 2, 3, 4 आदि द्वारा प्रदर्शित की जाती है तथा इसे संख्याबद्ध इस प्रकार किया जाता है कि वह प्रतिस्थापी, जो वर्णमाला क्रम में पहले आता है, को निम्नतम क्रमांक दिया जाये बशर्ते यह न्यूनतम योग नियम का उल्लंघन न करें। (3) यदि ऐल्किल समूह में कार्बन परमाणुओं की संख्या चक्र से अधिक है, तो यौगिक ऐल्केन के व्युत्पन्न के रूप में नामित किया जाता है और इस चक्र प्रतिस्थापी के रूप में होता है। (4) किसी क्रियात्मक समूह के चक्र में उपस्थित होने पर उसकी स्थिती को इस प्रकार संख्याबद्ध किया जाता है कि क्रियात्मक समूह को न्यूनतम् सम्भावित क्रमांक प्राप्त हो।

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