d ऑर्बिटल वास्तव में द्वि-डमरू की आकृति का ही होता है, लेकिन इसे थोड़ा और विस्तार से समझना जरूरी है। "द्वि-डमरू" का मतलब है कि इसमें दो डमरू (dumbbells) एक साथ होते हैं। लेकिन, d ऑर्बिटल के मामले में पांच अलग-अलग प्रकार के ऑर्बिटल होते हैं, और सभी की आकृति समान नहीं होती।
यहां d ऑर्बिटल के बारे में कुछ अतिरिक्त विवरण दिए गए हैं:
पांच प्रकार: d ऑर्बिटल पांच प्रकार के होते हैं, जिन्हें dxy, dxz, dyz, dx²-y², और dz² कहा जाता है। इनमें से प्रत्येक ऑर्बिटल का स्थानिक अभिविन्यास अलग होता है।
नोडल प्लेन: प्रत्येक d ऑर्बिटल में दो नोडल प्लेन होते हैं। नोडल प्लेन वे क्षेत्र हैं जहां इलेक्ट्रॉन पाए जाने की प्रायिकता शून्य होती है।
जटिल आकार: dxy, dxz, और dyz ऑर्बिटल एक "चार-पत्ती" वाले फूल की तरह दिखते हैं, जहाँ प्रत्येक पत्ती एक डमरू का प्रतिनिधित्व करती है। dx²-y² ऑर्बिटल भी एक "चार-पत्ती" वाले फूल की तरह होता है, लेकिन इसकी पत्तियाँ x और y अक्षों पर स्थित होती हैं। dz² ऑर्बिटल थोड़ा अलग होता है, इसमें केंद्र में एक डोनट (donut) के आकार का वलय होता है और दो लोब (lobes) z अक्ष पर होते हैं।
ऊर्जा: एक ही उपकोश (subshell) के सभी पांच d ऑर्बिटल की ऊर्जा समान होती है, लेकिन चुंबकीय क्षेत्र की उपस्थिति में यह ऊर्जा स्तर विभाजित हो सकता है।
रसायन विज्ञान में भूमिका: d ऑर्बिटल संक्रमण धातुओं के रसायन विज्ञान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वे जटिल यौगिकों के निर्माण और रंग के लिए जिम्मेदार होते हैं।