साइक्लोक्ट्रॉन आवेशित कणों अथवा आयनों का उच्च ऊर्जाओं तक त्वरित करने वाला यंत्र है। आवेशित कणों की ऊर्जा में वृद्धि करने के लिए साइक्लोट्रॉन में संयुक्त रूप में विद्युत क्षेत्र तथा चुंबकीय क्षेत्र दोनों का उपयोग किया जाता है। चूँकी ये दोनों क्षेत्र एक दूसरे के लंबवत लगाए जाते हैं, इन्हें क्रॉसित क्षेत्र कहते हैं। साइक्लोक्ट्रॉन में इस तथ्य का उपयोग किया जाता है कि ‘चुंबकीय क्षेत्र में परिक्रमण करने वाले आवेशित कणों की परिक्रमण की आवृत्ति कण की ऊर्जा पर निर्भर नहीं करती है।