प्रत्यास्थालक वह है जिनमें प्रतिबल व विकृति एक-दूसरे के अनुक्रमानुपाती नहीं होते हैं। महाधमनी, रबड़ जैसे पदार्थ जिन्हें तनित करके अत्याधिक विकृति पैदा की जा सकती है।