अप्रगामी तरंग #8211; समान तरंगदैर्ध्य, समान आवृत्ति तथा समान आयाम की और समान चाल के विपरीत दिशाओं में चलने वाली दो तरंगों के अध्योरोपण के फलस्वरूप एक ऐसी तरंग उत्पन्न होती है जिसका तरंग रूप स्थिर रहता है। ऐसी तरंग को अप्रगामी तरंग या स्थावर तरंग कहते है।