हुक का नियम #8211; (1) जब किसी निकाय को विरूपित किया जाता है, तो उस पर एक प्रत्यानयन बल लगता है, जिसका परिमाण विरूपण अथवा विस्थापन के अनुक्रमानुपाती होता है तथा यह विपरित दिशा में कार्य करता है। (2) कम विरूपण के लिए प्रतिबल तथा विकृति एक दूसरे के अनुक्रमानुपाती होते हैं। इस प्रकार प्रतिबल ∝ विकृति प्रतिबल = k times; विकृति जहाँ k अनुक्रमानुपाती स्थिरांक है और इसे प्रत्यास्थता गुणांक कहते हैं। हुक का नियम एक आनुभाविक नियम है तथा अधिकतर पदार्थों के लिए वैध होता है। तथापि कुछ पदार्थ इस प्रकार रैखिक संबंध नही दर्शाते।