किसी तन्त्र के अणुओं की गतिज तथा स्थितिज ऊर्जाओं का योग तन्त्र की आंतरिक ऊर्जा कहलाती है। आमतौर पर आंतरिक ऊर्जा को अक्षर U से लिखते हैं। तन्त्र की आंतरिक ऊर्जा = तन्त्र के अणुओं की गतिज ऊर्जा + तन्त्र के अणुओं की स्थितिज ऊर्जा।