कृष्ण पिण्ड या कृष्णिका वह वस्तु है जो अपने पृष्ठ पर गिरने वाले सम्पूर्ण विकिरण का पूर्णत: अवशोषण कर लेती है। इसकी अवशोषकता एवं उत्सर्जकता का मान 1 (एक) होता है।