न्यूटन की गति का द्वितीय नियम #8211; किसी पिण्ड के संवेग परिवर्तन की दर आरोपित बल के अनुक्रमानुपाती होती है तथा उसी दिशा में होती है जिस दिशा में बल कार्य करता है।