किसी प्रकाशिक तन्त्र द्वारा निर्मित प्रतिबिम्ब सामान्य समंजन में कहलाता है यदि उसकी स्थिति वही होती है जो वस्तु की स्थिति हो। यह पद निकाय की व्यवस्था को इंगित करता है।