जब एक पंक पिण्ड पर बल लगते हैं तो पिण्ड में अपना प्रारंभिक आकार प्राप्त करने की प्रवृत्ति नहीं होती है और यह स्थायी रूप से विरूपित हो जाता है। इस प्रकार के पदार्थ को प्लास्टिक तथा पदार्थ के इस गुण को प्लास्टिकता कहते हैं। पंक और पुटी लगभग आदर्श प्लास्टिक हैं।