शुद्ध अर्द्धाचालक ‘नैज अर्द्धचालक’ कहलाते हैं। आवेश वाहकों (इलेक्ट्रॉन और होल) की उपस्थिति पदार्थ का ‘नैज’ गुण और ये ऊष्मीय उत्तेजन के परिमाणस्वरूप प्राप्त होते हैं। नैज अर्द्धचालकों में इलेक्ट्रॉन की संख्या (n<sub>e</sub>) होलों की संख्या (n<sub>h</sub>) समान होती है। होल आवश्यक रूप से प्रभावी धनावेश युक्त इलेक्ट्रॉन रिक्तियाँ हैं।